राजस्थान में लाखो भर्तियाँ अटकी – 2023 में क्या हो पायेगी पूर्ण

यह भर्ती प्रक्रिया करीब दो वर्ष से चल रही है, जो अब तक जारी है। पेपर लीक हो जाने के कारण अब तक यह परीक्षा हो नहीं पाई है, हालांकि कर्मचारी चयन बोर्ड से पहले इसकी जिम्मेदारी माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (अजमेर) के पास थी। इस भर्ती के अलावा आयोग के पास तीन-चार भर्तियां और पेंडिंग हैं।

लेटलतीफी का सबसे बड़ा उदाहरण
भर्ती प्रक्रिया किस तरह से विभागों और चयन एजेंसियों के बीच उलझती है, इसकी एक मिसाल है आरएएस भर्ती-2022 की अभ्यर्थना।राजस्थान सरकार की सबसे बड़ी सर्विस आरएएस मानी जाती है। हर एग्जाम में करीब 5 लाख से ज्यादा युवा अपना भाग्य आजमाते हैं।इस भर्ती के लगभग 1000 पदों के लिए कार्मिक ‌विभाग ने आरपीएससी को अभ्यर्थना भेजी थी करीब 9 महीने पहले।आरपीएससी ने उसके पदों में वर्गीकरण (आरएएस व सहायक सेवाओं में कितने-कितने पद) को लेकर अपने सुझाव कार्मिक विभाग को भेजकर संशोधित अभ्यर्थना मांगी थी।उस पर अब तक कार्मिक विभाग की संशोधित अभ्यर्थना आरपीएससी के पास वापस नहीं गई है। अब यह भर्ती ना जाने कब शुरू होगी।आरएएस की परीक्षा पिछले दो दशक में जब भी हुई है, उसे अभ्यर्थना से नियुक्ति तक का सफर पूरा करने में औसतन लगभग दो वर्ष का समय लगा है।
राजस्थान एकीकृत बेरोजगार महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष उपेन यादव का कहना है कि एक लाख भर्तियों की घोषणा पाकर सभी खुश हैं, लेकिन सरकार को घोषणा के साथ यह भी बताना चाहिए कि कौनसे विभाग में कितने पदों पर कब तक भर्ती हो जाएगी।

4. पेपर लीक ने बिगाड़ा भर्तियों का ट्रैक रिकॉर्ड
राजस्थान में भर्ती परीक्षाओं के ट्रेक रिकॉर्ड को पेपर लीक के मामलों ने बुरी तरह से प्रभावित किया हुआ है। राजस्थान में पिछले 4 वर्षों में कांस्टेबल भर्ती-2018, लाइब्रेरियन भर्ती-2018, जेईएन सिविल भर्ती-2018, रीट लेवल-2 परीक्षा-2021, बिजली विभाग हेल्पर भर्ती-2022, कांस्टेबल भर्ती-2022, वनरक्षक भर्ती-2020, शिक्षक भर्ती सैकंड ग्रेड-2022 के पेपर लीक हो गए।ऐसे में इन परीक्षाओं को पूरा होने में तय शेड्युल से भी एक से दो वर्ष तक का ज्यादा समय लगा। शिक्षक भर्ती तो अब तक चल ही रही है।पेपर लीक होने से परीक्षा दुबारा आयोजित करनी पड़ती है। दुबारा आयोजित करने से उनका परिणाम भी देरी से जारी होता है।ऐसे में विभिन्न विभागों के अलग-अलग पदों की भर्तियों वो भी एक लाख पदों पर करवाना अगले एक साल में तो लगभग असंभव ही लगता है।

5. चुनावी वर्ष और आचार संहिता भी बनेगी बाधा
इस वर्ष के अंत में चुनाव होना भी इन भर्तियों की राह में बाधा की तरह है। सितंबर-अक्टूबर में आचार संहिता लगने से लेकर नई सरकार के गठन तक (दिसंबर मध्य तक) कोई नई भर्ती शुरू नहीं हो सकेगी।केवल वही भर्तियां हो सकेंगी, जिनकी प्रक्रिया सरकार के स्तर पर पूरी होकर चयन एजेंसी के पास चली जाए और चयन एजेंसी उस परीक्षा के आयोजन की तारीखें घोषित कर दे।ऐसे में करीब तीन महीने कोई नई भर्ती अमली जामा नहीं पहन पाएगी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर भर्तियों का विज्ञापन आचार संहिता से पहले जारी हुआ तभी बेरोजगारों का सपना साकार हो सकता है। आचार संहिता लागू होने के बाद सरकार भी नए पदों की भर्ती जारी नहीं कर पाएगी।
प्रदेश के युवाओं में एक लाख भर्तियों की घोषणा को लेकर उत्सुकता है कि यह भर्तियां कब और किन विभागों में कितने पदों पर होंगी। 30,000 पदों पर जल्द होने वाली सफाई कर्मियों की भर्ती इस नई घोषणा से अलग है। यह भर्ती 2021-22 बजट की है, जो नगर निकाय संस्थाओं के स्तर पर ही की जा रही है।

सबसे कम समय में पूरी हुई एक बड़ी परीक्षा, उसमें भी लगे 2 साल
हाल के वर्षों में बड़ी परीक्षाओं में शिक्षक भर्ती परीक्षा प्रक्रिया पूरी होने में करीब दो वर्ष का समय लगा। यह परीक्षा थी शिक्षक भर्ती लेवल-1 की।इस भर्ती के तहत करीब 15000 पदों पर शिक्षकों की भर्ती परीक्षा 26 सितंबर 2021 को आयोजित हुई थी। परीक्षा की घोषणा 2020 के मार्च में हुई थी, जिसकी अधिसूचना (नोटिफिकेशन) फरवरी 2021 में निकाली गई।दो बार इसकी आयोजन की तारीखें आगे खिसकी। फिर यह 26 सितंबर 2021 को सम्पन्न हुई। इसका परिणाम नवंबर-2021 में जारी किया गया। इसमें सफल होने वाले युवाओं को अप्रेल 2022 में नौकरी मिल गई।

वर्तमान में 1 लाख 25 हजार भर्तियां प्रक्रियाधीन हैं
राज्य सरकार ने बजट-2023 (10 फरवरी-23) से पहले अपने प्रचार माध्यमों में यह दावा किया किया था कि वर्तमान में एक लाख 25 हजार पदों पर भर्तियां प्रक्रियाधीन हैं।इनमें से कोई भर्ती पिछले एक वर्ष में पूरी नहीं हुई है। यह सभी पिछले बजटों (2021, 2022) की घोषणाएं हैं।अगर नई घोषणाओं को जोड़ा जाए तो करीब 2 लाख 25 हजार पदों पर भर्तियां होनी हैं। सरकार का यह भी दावा है कि वो पिछले 4 वर्षों में एक लाख 35 हजार पदों पर नियुक्तियां दे चुकी है।

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